एक बड़ी राहत की संभावना सामने आई है। यमन के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए निमिषा की फांसी माफ करने की अपील की है। कुछ दिन के लिए फासीं का सजा रोक दि गयी है
यमन में फांसी की सजा पा चुकी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में एक बड़ी कूटनीतिक और धार्मिक पहल सामने आई है। यमन के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर ने सार्वजनिक रूप से निमिषा की सजा माफ करने की अपील की है। उन्होंने मृत यमनी नागरिक अब्दुल्ला के परिजनों से भावनात्मक अनुरोध करते हुए कहा कि इस्लामी कानून में क्षमा, दया और ब्लड मनी (मुआवजा) के आधार पर समाधान संभव है।
ग्रैंड मुफ्ती की इस अपील को यमन के धार्मिक और सामाजिक ढांचे में बेहद अहम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि,
“इस्लाम सिर्फ सज़ा का नहीं, दया और इंसानियत का भी धर्म है। यदि परिवार चाहे तो क्षमा करके एक जान बचा सकता है।”
पूरा मामला?
निमिषा प्रिया, केरल की निवासी और एक प्रशिक्षित नर्स, नौकरी के लिए यमन गई थीं। वहां उन पर एक स्थानीय नागरिक की हत्या का आरोप लगा, जिसके बाद यमनी अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। यह मामला पिछले कई वर्षों से भारत और यमन के बीच संवेदनशील राजनयिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
भारत सरकार ने इस मामले में यमन के सामने मानवीय आधार पर पुनर्विचार की अपील की है। वहीं, सामाजिक संगठनों और देशवासियों द्वारा लगातार समर्थन मिल रहा है। कई स्वयंसेवी संस्थाएं ब्लड मनी जुटाने के लिए फंडरेजिंग कर रही हैं ताकि निमिषा की फांसी को रोका जा सके।
आगे की राह
ग्रैंड मुफ्ती की अपील के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि मृतक का परिवार दया दिखा सकता है। अगर वे ब्लड मनी स्वीकार कर लेते हैं, तो निमिषा प्रिया की फांसी की सजा माफ हो सकती है।
यह मामला केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं बल्कि मानवता, धार्मिक संवेदना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का भी उदाहरण बन रहा है। अब सारी निगाहें यमन की सरकार और पीड़ित परिवार के अगले कदम पर टिकी हैं।