हिसार: हिसार की नाबालिग लड़की Harshita Soni , जो लगभग एक साल पहले (29 सितंबर 2024 को) घर से लापता हो गई थी, को आखिरकार दिल्ली में ढूंढ लिया गया है। इस कामयाबी में पुलिस के प्रयासों के साथ-साथ सोशल मीडिया ने भी अहम भूमिका निभाई। एक साल के लंबे और दर्दनाक इंतजार के बाद, परिवार की उम्मीदें पूरी हुईं।
सोशल मीडिया बना सहारा
जब पुलिस और प्रशासन से निराशा हाथ लगी, तो हर्षिता के परिवार और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। वे लगातार उसकी तस्वीरें और जानकारी इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर साझा करते रहे। इस अभियान को हजारों लोगों ने शेयर किया। इसी सोशल मीडिया अभियान के दौरान, दिल्ली में एक युवक ने एक वीडियो देखा और उसने हिसार पुलिस को हर्षिता के बारे में जानकारी दी।
दिल्ली में हुई बरामदगी
युवक से मिली जानकारी के आधार पर, हिसार पुलिस और स्टेट क्राइम पुलिस की टीम ने दिल्ली में एक विशेष अभियान चलाया। पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया। बेटी के मिलने पर माता-पिता भावुक हो गए और उन्होंने पुलिस के साथ-साथ मीडिया और उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनकी मदद की। परिवार ने बताया कि उनकी बेटी से उनकी बात हो गई है और वह पुलिस के पास है। कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद हर्षिता को परिवार को सौंप दिया जाएगा।
1 साल का लंबा संघर्ष
हर्षिता के पिता सुनील सोनी ने बताया कि उन्होंने एक साल तक हर संभव प्रयास किया। वे पूरे हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में बेटी को ढूंढते रहे। उन्होंने कहा कि लोग मजाक उड़ाते थे और कहते थे कि वह अब नहीं मिलेगी, लेकिन उन्हें उम्मीद थी। उन्होंने अपनी बेटी की तलाश में सड़कों पर रातें बिताईं और घर भी नहीं गए। उन्होंने अपनी बेटी को ढूंढने के लिए मंत्रियों से मुलाकात की, धरने दिए और यहां तक कि आत्मदाह का प्रयास भी किया। उन्होंने कहा कि उनके परिवार का आज दूसरा जन्म हुआ है।
यह मामला दिखाता है कि कैसे सोशल मीडिया, जो अक्सर नकारात्मक खबरों के लिए जाना जाता है, एक गुमशुदा व्यक्ति को ढूंढने में एक शक्तिशाली उपकरण बन सकता है। हर्षिता के मामले में सोशल मीडिया ने एक साल से दुखी परिवार को राहत दिलाई।
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