Sco News : Rajnath Singh का SCO की बैठक में आतंक के खिलाफ कड़ा रुख
भारत ने पाकिस्तान-चीन (sco summit 2025 ) समेत पूरी दुनिया को एक बार फिर सख्त संदेश दिया है भारते के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया जिसमें कही भी पहलगाम आंतकवादी हमले का उल्लेख नहीं किया गया था. बीते दिनों 26 लोगों की आंतकी हमले में निर्दोंष लोगों की जान चली गई थी। भारत का कहना है कि संयुक्त आतंकवाद के खिलाफ कभी मजबूती से नहीं खड़ा होता है. हद तो तब हो गई जब कहीं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आंतकी हमले कहीं जिक्र नहीं है , बल्कि उसकी जगह बलुचिस्तान का उल्लेख किया गया है साथ ही भारत पर वहां सांकेतिक रूप से अशंति पैदा करने का आरोप लगाया गया है।

SCO की स्थापना कब हुई
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की स्थापना 15 जून, 2001 को शंघाई में हुई थी, यह संगठन एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य संबंधित क्षेत्र में शांति,सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना है। SCO चार्टर पर वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किए गए थे और यह वर्ष 2003 में लागू हुआ था।
SCO में अभी 8 देश शामिल है
- सदस्य देश:
- भारत
- पाकिस्तान
- चीन
- रूस
- किर्गिस्तान
- ताजिकिस्तान
- कजाकिस्तान
- उज्बेकिस्तान
4 देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है
- पर्यवेक्षक देश:
- अफगानिस्तान
- बेलारूस
- ईरान
- मंगोलिया
6 देशों को डायलॉग पार्टनर का दर्जा प्राप्त है
- डायलॉग पार्टनर देश:
- नेपाल
- श्रीलंका
- कंबोडिया
- तुर्की
- अजरबैजान
- आर्मेनिया
SCO Summit क्या है ?
एससीओ समिट यानी शंघाई सहयोग संगठन का शिखर सम्मेलन है, जिसमें सदस्य देशों के नेता और प्रतिनिधि भाग लेते हैं। यह संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया था।
एससीओ समिट में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होती है, जिनमें शामिल हैं
- क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद: सदस्य देश आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा करते हैं और इसके खिलाफ लड़ने के लिए रणनीति बनाते हैं।
- आर्थिक सहयोग: एससीओ सदस्य देश व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए समझौते करते हैं।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: सदस्य देश अपनी संस्कृति और परंपराओं को साझा करते हैं और आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं।
हाल ही में हुए एससीओ समिट में भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया और पाकिस्तान पर निशाना साधा। भारत ने पहलगाम हमले की निंदा की और कहा कि आतंकवाद के साथ शांति और समृद्धि संभव नहीं है
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